नानी माँ ने तोता पाला


गाँव का एक छोटा सा बच्चा चिट्टू बहुत ही प्यारा और मासूम था। उसकी माँ उसे रोज़ रात कहानियाँ सुनाती थीं। एक रात, चिट्टू ने माँ से एक नई कहानी के लिए बहुत उत्साहित होकर कहा, "माँ, आप कोई नई कहानी सुनाएं।"

माँ ने मुस्कराते हुए कहा, "ठीक है, आज मैं तुम्हें 'नानी माँ ने तोता पाला' नामक कहानी सुनाऊंगी।"

शुरू हुई कहानी...

नानी माँ एक सुखद और प्यारे स्वभाव की औरत थीं। उनके पास एक तोता था जिसका नाम पियू था। पियू बहुत ही होशियार और बातूनी था। नानी माँ ने उसे अपने साथ रखकर उसे सिखाना शुरू किया।

पियू ने बहुत ही जल्दी सब कुछ सीख लिया और उसने बहुत सारे शब्दों को बोलना सीखा। उसने बच्चों के साथ बातें करना शुरू कर दी, और वह उन्हें बहुत हंसी-मजाक में डाल देता। बच्चे पियू को बहुत प्यार करने लगे।

एक दिन, नानी माँ ने पियू से कहा, "पियू, तुम्हें बच्चों के साथ रहकर बहुत अच्छा लगता है, ना?"

पियू ने मुस्कराते हुए कहा, "हाँ, नानी माँ, मैं बच्चों के साथ बहुत खुश रहता हूँ।"

नानी माँ ने आगे कहा, "तुम बच्चों के साथ रहकर उन्हें कुछ सिखा सकते हो। तुम्हारी बातें उन्हें मजाक में सिखा सकती हैं और वह भी कुछ नया सीख सकते हैं।"

पियू ने नानी माँ की बातों को मन में रखते हुए उनकी सीख को अपनाया। वह बच्चों के साथ बहुत मिल-जुलकर रहा, और उन्हें नए शब्द सिखाता रहा। उसकी मिठास और उसके साथ बिताए वक्त ने गाँव के सभी बच्चों को पियू से जोड़ दिया।

इस प्रकार, पियू ने अपनी मास्टरपीस शैली में नानी माँ की सीखों को आगे बढ़ाया और गाँव में एक खास स्थान बना लिया। नानी माँ को भी बहुत खुशी हुई जब उन्होंने देखा कि उनका प्यारा तोता बच्चों के दिलों में बस गया है।

इससे साबित होता है कि प्यार और मेहनत के साथ किसी भी सीख को सीधे दिलों तक पहुंचाना मुमकिन है।

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