चिट्टू और ट्रैक्टर
एक छोटे से गाँव में रहने वाला चिट्टू बहुत ही जिज्ञासु और खुशमिजाज बच्चा था। उसको कुछ नया सीखने और मस्ती करने का बहुत शौक था। एक दिन उसने गाँव के एक किसान से ट्रैक्टर के बारे में सुना और उसे देखने का इरादा किया।
चिट्टू को ट्रैक्टर देखकर बहुत अच्छा लगा, और उसने किसान से पूछा, "ये ट्रैक्टर कैसे काम करता है?"
किसान ने मुस्कराते हुए उसे समझाया, "बेटा, ट्रैक्टर किसानों को खेतों में काम करने में मदद करने के लिए होता है। इसमें एक बड़ा इंजन होता है जो स्वयं चलने की क्षमता रखता है।"
चिट्टू ने मुस्कराते हुए कहा, "क्या मैं भी ट्रैक्टर पर चढ़ सकता हूँ?"
किसान ने हंसते हुए कहा, "क्यों नहीं! लेकिन ध्यान रखना कि ट्रैक्टर को चलाना एक बड़ा जिम्मेदारी है।"
चिट्टू ने उसी दिन ट्रैक्टर चलाने का इरादा किया। उसने किसान से सीखा कि कैसे ट्रैक्टर को चालू करना है और कैसे उसे गाड़ी करना है।
चिट्टू ने ट्रैक्टर को खेत में चलाना शुरू किया और उसने बहुत मस्ती करना शुरू कर दिया। वह आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ खेतों को तैयार करने में ट्रैक्टर का उपयोग कर रहा था।
गाँववाले चिट्टू को देखकर हैरान थे, क्योंकि वह इतनी छोटी उम्र में ट्रैक्टर चला रहा था। चिट्टू की मस्ती ने सभी को हंसी में डाल दिया।
चिट्टू ने ट्रैक्टर को सही से चलाना सीखा और उसने अपनी मस्ती से गाँववालों को भी हंसी में डाल दिया। उसकी यह मस्ती गाँव को हंसी और खुशी से भर देती थी।
इस घड़ी में, चिट्टू ने न ही सिर्फ ट्रैक्टर को चलाना सीखा, बल्कि उसने गाँव को एक खास और यादगार पल भी दिया। चिट्टू की मस्ती और उत्साह ने सबको प्रेरित किया कि जिंदगी को हमें मस्ती करने का तरीका सीखना चाहिए, चाहे हम कहीं भी हों।
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